नवी दिल्ली – पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी वादग्रस्त ठरलेले तीन कृषी कायदे रद्द करण्याची घोषणा केली असताना त्याचे स्वागत होत असतानाच मोदींचा एक व्हिडिओ व्हायरल झाला आहे. सुमारे सहा वर्षांपूर्वी त्यांनी कोरियातील सेऊलमध्ये केलेल्या भाषणाचा हा व्हिडिओ आहे. या व्हिडिओमुळे वाद निर्माण झाला असून देशभरात तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त होत आहेत.
सेऊलमध्ये सन २०१५ मध्ये भारतीय समुदायाला संबोधित करताना पंतप्रधान मोदी नरेंद्र मोदी यांनी कॉमेडियन वीर दासच्या कवितेचा आधार घेतला होता. या कवितेवरून झालेल्या वादात कॉमेडियनचे समर्थन करणारे काही जण पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचा एक जुना व्हिडिओ सोशल मीडियावर शेअर करत आहेत. त्यामुळे या व्यक्तींनी त्या वक्तव्याला पंतप्रधानांनी परदेशी भूमीवर भारताचा अपमान केला असल्याचे म्हटले आहे.
सदर कविता वादावर वीरदास विरोधी गटदेखील या विनोद वीरावर देशाचा अपमान केल्याचा आरोप करत त्याला ही देशद्रोही ठरवत आहे. वीर दास यांच्या ‘टू इंडिया’ या कवितेसाठी त्यांच्यावर निशाणा साधला जात आहे. सोशल मीडियावर त्याला देशद्रोही म्हटले असून भाजप नेत्याने त्याच्याविरोधात पोलिसांत तक्रारही केली. तर दुसरीकडे वीर दास यांच्या समर्थनार्थ अनेक जणही पुढे आले.
सोशल मीडियावर वीर दास यांना पाठिंबा देणाऱ्या ग्रुपकडून पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांचा जुना सन २०१५चा व्हिडिओ शेअर केला जात आहे, यामध्ये मोदी सेऊलमध्ये भारतीय समुदायाच्या लोकांना संबोधित करत आहेत. भारताच्या भक्कम स्थितीचे उदाहरण देताना आणि परप्रांतीयांना भारतात परतण्यास प्रवृत्त करण्यासाठी भूतकाळातील परिस्थितीशी तुलना करून ते म्हणाले की, ‘पूर्वीच्या लोकांना असे समजायचे की मागील जन्मात कोणते पाप केले असेल ते माहित नाही. भारतात जन्म झाला…’
‘मेक इन इंडिया’ला प्रोत्साहन देण्यासाठी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी म्हणाले होती की, ‘आप भी चाहते हैं न हिंदुस्तान में भी वैसा ही हो, चाहते हैं की नहीं चाहते हैं… होना चाहिए या नहीं होना चाहिए… आपके बिना कैसे होगा? आपका अनुभव, आपका ज्ञान, आपको जो यहां अवसर मिला है, वो जितना भारत के साथ जुड़ेगा भारत को आगे बढ़ने में सुविधा बढ़ जाएगी। एक समय था, जब लोग…यार… पता नहीं पिछले जन्म में पता नहीं क्या पाप किया था, जो हिंदुस्तान में पैदा हो गए, ये कोई देश है… ये कोई सरकार है… ये कोई लोक है… चलो छोड़ो चले जाएंगे… और लोग निकल पड़ते थे… ‘
‘कुछ वर्षों में तो हम यह भी देखते थे जब उद्योग जगत के लोग कहते थे कि भाई अब यहां व्यापार नहीं हो सकता है। ज्यादातर लोगों ने तो एक पैर बाहर रख भी दिया था। मैं इसके कारण में नहीं जाता हूं, और न ही राजनीतिक टीका टिप्पणी करना चाहता हूं लेकिन ये धरती की सच्चाई है कि लोगों में एक निराशा थी, आक्रोश था।
मैं आज विश्वास से कह सकता हूं कि अलग अलग जीवन के गणमान्य लोग, बड़े बड़े साइंटिस्ट लोग, विदेशों में कितनी ही कमाई क्यों न होती हो, उससे कम कमाई होती हो तो भी, आज भारत वापस आने के लिए उत्सुक हो गए हैं। ‘
त्याचप्रमाणे…
= वीर दास यांची कविता (हिंदी भाषांतरात) अशी आहे : ”- मैं एक उस भारत से आता हूँ, जहाँ बच्चे एक दूसरे का हाथ भी मास्क पहन कर पकड़ते हैं, लेकिन नेता बिना मास्क एक-दूसरे को गले लगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ AQI 9000 है लेकिन हम फिर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में उनका गैंगरेप हो जाता है.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम ट्विटर पर बॉलीवुड को लेकर बँट जाते हैं, लेकिन थियेटर के अंधेरों में बॉलीवुड के कारण एक होते हैं.
मैं एक ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ पत्रकारिता ख़त्म हो चुकी है, मर्द पत्रकार एक दूसरे की वाहवाही कर रहे हैंऔर महिला पत्रकार सड़कों पर लैपटॉप लिए बैठी हैं, सच्चाई बता रही हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हमारी हँसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के बाहर तक आप सुन सकते हैं और मैं उस भारत से भी आता हूँ, जहाँ कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ दी जाती हैं, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज़ आती है.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ बड़ी आबादी 30 साल से कम उम्र की है लेकिन हम 75 साल के नेताओं के 150 साल पुराने आइडिया सुनना बंद नहीं करते.
मैं ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ हमें पीएम से जुड़ी हर सूचना दी जाती है लेकिन हमें पीएमकेयर्स की कोई सूचना नहीं मिलती.
मैं ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ औरतें साड़ी और स्नीकर पहनती हैं और इसके बाद भी उन्हें एक बुज़ुर्ग से सलाह लेनी पड़ती है, जिसने जीवन भर साड़ी नहीं पहनी.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम शाकाहारी होने में गर्व महसूस करते हैं लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्ज़ियां उगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ सैनिकों को हम पूरा समर्थन देते हैं तब तक, जब तक उनकी पेंशन पर बात ना की जाए.
मैं उस भारत से आता हूँ, जो चुप नहीं बैठेगा, मैं उस भारत से आता हूँ, जो बोलेगा भी नहीं
मैं उस भारत से आता हूँ जो मुझे हमारी बुराइयों पर बात करने के लिए कोसेगा
मैं उस भारत से आता हूँ, जो लोग अपनी कमियों पर खुल कर बात करते हैं
मैं उस भारत से आता हूँ, जो ये देखेगा और कहेगा ‘ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहाँ है?’
और मैं उस भारत से भी आता हूँ.
जो ये देखेगा और जानेगा कि ये जोक ही है. बस मज़ाकिया नहीं है.”
बघा मोदी यांचा २०१५ मधील व्हिडिओ